तुम बैठो, मैं अभी 5 मिनट में कॉफ़ी बनाकर लाती हूँ। सब कहते हैं, मैं अच्छी कॉफ़ी बनाती हूँ तुम बैठो, मैं अभी 5 मिनट में कॉफ़ी बनाकर लाती हूँ। सब कहते हैं, मैं अच्छी कॉफ़ी बन...
रॉनी चाचू के पास आकर रोने लग गया था। उसका बालमन आहत था। रॉनी चाचू के पास आकर रोने लग गया था। उसका बालमन आहत था।
प्रतीक के पिताजी अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान की इच्छा जाहिर की थी। प्रतीक के पिताजी अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान की इच्छा जाहिर की थी।
जीवन फिर चल पड़ा नए साथी के साथ आज बस रत्ना की जगह स्नेहा थी। जीवन फिर चल पड़ा नए साथी के साथ आज बस रत्ना की जगह स्नेहा थी।
अशोक और आशीष अपने घर के लिए निकल गए। दोनों बहुत दुःखी थे। अशोक और आशीष अपने घर के लिए निकल गए। दोनों बहुत दुःखी थे।
तब काश जी और निशा देवी ईश्वर को नमन करके शान्ति से सोने लगे। तब काश जी और निशा देवी ईश्वर को नमन करके शान्ति से सोने लगे।